नई दिल्ली. भारत में जियो, एयरटेल और VI ई-सिम की सुविधा ग्राहकों को देते हैं. देश में eSim की सुविधा आईफोन और एंड्रॉयड दोनों के लिए उपलब्ध है. हालांकि, बेहद कम लोग ही ई -सिम का इस्तेमाल करते हैं. इस तकनीक का इस्तेमाल विदेशों में ज्यादा होता है. बता दें कि 2017 में गूगल ने दुनिया का पहला ऐसा स्मार्टफोन लॉन्च किया था, जिसमें ई-सिम की सुविधा दी गई. इसके बाद ऐपल ने 2018 में आईफोन XS सीरीज में ई-सिम फैसिलिटी दी. फिलहाल यह सुविधा केवल प्रीमियम फोन्स में ही मिलती है. अगर आप ई-सिम खरीदते हैं, तो आपको अपने फोन में किसी तरह का कोई कार्ड नहीं डालना होता है. ई-सिम फोन में स्पेस बचता है. इसके लिए अलग से सिम ट्रे की जरूरत भी नहीं होती है.
यह टेलीकॉम कंपनी के जरिए ओवर-द-एयर एक्टिवेट किया जाता है. फिजिकल सिम को eSIM में बदलने के लिए आपको अपनी पंसदीदा टेलीकॉम स्टोर पर जाना होगा. देश में जियो, एयरटेल और वोडाफोन-आइडिया ई-सिम सर्विस मुहैया कराने लगे हैं. यह सिम 4जी और 5जी नेटवर्क को सपोर्ट करता है. इस सर्विस का उपयोग करने के लिए फोन में डुअल सिम की सुविधा होना जरूरी है. अगर आप अपने फिजिकल सिम को eSIM में बदलने की सोच रहें हैं, तो पहले इसके फायदे और नुकसान के बारे में जान लें.
eSIM के फायदे
eSIM के कई फायदे हैं. इससे मोबाइल नेटवर्क स्विच करना बहुत आसान हो जाता है. आप अस्थायी रूप से इसे दूसरे नेटवर्क में बदल सकते हैं. एक बार में एक ई-सिम पर अधिकतम पांच वर्चुअल सिम कार्ड स्टोर किए जा सकते हैं.इसका मतलब है कि यदि किसी नेटवर्क पर सिग्नल की दिक्कत है, तो आप उसे तुरंत स्विच कर सकते हैं.
फिजिकल ट्रे की जरूरत खत्म
ई-सिम में फिजिकल सिम कार्ड की ट्रे की जरूरत नहीं होती है. इससे फोन में की काफी जगह बच जाती है.स्मार्टफोन निर्माता इस जगह का इस्तेमाल बैटरी का साइज बढ़ाने या फिर अन्य फीचर्स के लिए कर सकती हैं.
आईफोन स्विच ऑफ होने पर भी होगा ट्रैक?
अगर आप eSIM यूज करते हैं और आपका फोन गुम हो जाता है या चोरी हो जाता हैं, तो आप इसे आसानी से सर्च कर सकते हैं. खास बात यह है कि अगर आपका फोन स्विच ऑफ भी हो जाए, तो भी आप Find My iPhone फीचर्स का इस्तेमाल करके फोन को ढूंढ सकते हैं.
ई-सिम के नुकसान
ई-सिम को जल्दी से स्विच करना आसान नहीं होता है. इसमें कम से कम दो घंटे लगते हैं.
वहीं, आप किसी डिवाइस से ई-सिम नहीं हटा सकते हैं. इतना ही नहीं ई-सिम यूजर्स की एक्टिविटीज को आसानी से ट्रैक किया जा सकता है.
चुनिंदा डिवाइस में ही मिलती है ई-सिम की सुविधा
बता दें कि केवल कुछ चुनिंदा स्मार्टफोन ही eSIM को सपोर्ट करते हैं, जबकि गूगल और ऐपल ने eSIM तकनीक को हाल ही में अपनाया. फिलहाल फ्लैगशिप सैमसंग स्मार्टफोन ही eSIM सपोर्ट देते हैं. इसके अलावा यह फीचर Motorola और Oppo के चुनिंदा फ्लैगशिप स्मार्टफोन्स पर मिलता है.
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